परिचय
हम स्वागत करते हैं आपका इस लेख में जहां हम आपको,शिशु के भूख न लगने की समस्या के घरेलू उपचारों के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करेंगे। हम आपको बताएंगे कि इस समस्या का मुख्य कारण क्या क्या हो सकता है और इससे निपट ने के लिए कौन-कौन से प्राकृतिक और घरेलू उपाय आप अपना चहिए।
शिशु के भूख न लगने के कारण ;बच्चों में भूख न लगने के कई कारण हो सकते हैं यह आम तौर पर उनके स्वास्थ्य (Health) और पोषण (nutrition) से संबंधित समस्याओं का परिणाम होता है।
- पाचक तंत्र की कमजोरी:
शिशु के पाचक तंत्र (digestive system) की कमजोरी होने से भूख न लगने की समस्या हो सकती है।इसके पीछे विभिन्न कारण हो सकते हैं जैसे कि नियमित और सही तरीके से माँ के दूध का न पिलाना
- बीमारियाँ
- दांतों की तकलीफ
घरेलू उपचार
सौंफ की चाय
एक कप उबले हुए पानी में 1 चम्मच सौंफ के बीज भिगोकर चाय तैयार करें। जब चाय ठंडी हो जाए, तो हर 10 से 15 मिनट के बाद बच्चे को 1 चम्मच चाय दें। बचपन को कफ (kapha) जीवन का चरण माना जाता है, जब शरीर निर्माण कर रहा होता है। यह उस समय भी है जब कई कफ (kapha) विकार होते हैं (जैसे जुकाम और सर्दी) और कफ (kapha) पेट में जम जाता है, जिससे भूख धीरे-धीरे घट सकती है।
इस फेनल चाय को देने से कफ(kapha)को बाहर कराते है और साथ ही भोजन के पाचक एंजाइम्स (digestive enzymes) कि secration को stimulate करते हैं। क्युकी
फेनेल के बीज बच्चों के पाचन प्रक्रिया को सुधारते हैं और उनके पेट को संतुलित करते हैं। इसमें मौजूद उच्च आंत्र फाइबर और विटामिन सी से बच्चों का पाचन तंत्र सक्रिय रहता है और उनके पेट के गैस और कब्ज समस्याओं को कम करता है।
फेनेल के बीजों का सेवन बच्चों को शांत और आरामदायक बनाता है। इसमें मौजूद एनथोल और एनीसोल विशेषकरक बच्चों के अधिसंरक्षण सिस्टम को शांति प्रदान करते हैं जिससे उन्हें आराम से सोने में मदद मिलती है।
फेनेल के बीज बच्चों के शरीर को संगठित रखने में मदद करते हैं और उन्हें बिमारियों से लड़ने की क्षमता प्रदान करते हैं। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट एवं एंटीबैक्टीरियल गुण बच्चों को संक्रमणों से बचाने में मदद करते हैं और उनके रोग प्रतिरोध को मजबूती देते हैं।
घृत मधु बनाएं
पिप्पली एक अच्छी औषधि है जो पाचन शक्ति को बढ़ाने में मदद करती है और भूख को उत्तेजित करती है।यह आपके बच्चे के खाने की चाहत को बढ़ाने में मदद कर सकती है।
पिप्पली को छोटे बच्चों को देने के लिए, आपको एक पिंच पिप्पली को घी और शहद के साथ मिलाकर तैयार करना होगा। आप इस मिश्रण को अपने बच्चे के जीभ पर रखकर उसे चाटने दें। धीरे-धीरे, आपके बच्चे को पिप्पली के और शहद के स्वाद का अनुभव होगा, जिससे उसकी भूख बढ़ सकती है।
लेकिन ध्यान दें कि पिप्पली की मात्रा सीमित रखें और इसे बच्चों को अधिक मात्रा में न दें, क्योंकि अधिक मात्रा में इसका सेवन अच्छा नहीं हो सकता।
अपने आहार पर नज़र रखें
एक शिशु की भूख की कमी का एक संभावित कारण है कि आपका यानि मां कि दूध !
क्योंकि आपके दूध का स्वाद उसे अच्छा नहीं भी हो सकता है। या फ़िर
आपकी प्रकृति में पित्त (एक प्रकार का दोष) ज्यादा होने से भी आपके दूध का स्वाद खट्टा और कड़वा हो सकता है।
इसलिए माँ की प्रकृति का निर्धारण करना और उसका खानपान उचित रखना महत्वपूर्ण है ताकि दूध का स्वाद अच्छा और पसंदीदा हो।
खाने के साथ पानी का सेवन
शिशु को खाने के साथ थोड़ा सा पानी पिलाना भूख बढ़ाने में मदद कर सकता है। यह उनके पाचन तंत्र को सुचारू(smooth)रूप से काम करने में मदद करेगा और भूख बढ़ाने में सहायक साबित होगा।
समाप्ति
इस लेख में, हमने शिशु के भूख न लगने की समस्या के कारणों का विवरण किया है और इस समस्या को दूर करने के लिए घरेलू उपचारों के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की है। यदि आपके शिशु को भूख न लगने की समस्या है, तो आप उपरोक्त उपचारों का प्रयोग कर सकते हैं।