पत्नी यदि सुंदर नहीं हो तब भी दुखी नहीं होना चाहिए

जीवन में शांति चाहिए तो आपको बस एक चीज को ध्यान रखना होगा। जिसका नाम है ‘संतोष’, जहां आपने संतोष करना सीख लिया वहीँ आपके जीवन की आधे से ज्यादा समस्या ख़तम हो जाएँगी।
‘असंतोष’ होने पर हमेशा जीवन में दुख और परेशानियाँ हमेशा बानी रहेंगी। जो है, जैसा है उसमें खुश रहना सीखें।
पत्नी यदि सुंदर नहीं हो तब भी दुखी न हो
आचार्य चाणक्य कहते हैं की हमें 3 बातों में हमेशा संतोष करना चाहिए –
- अपनी पत्नी की सुंदरता में
- भोजन के संबंध में
- धन के संबंध में
पत्नी की सुंदरता में संतोष
यदि आपकी पत्नी खूबसूरत न हो तो भी आपको संतोष करना चाहिए। शादी के बाद कभी भी दूसरी स्त्रियों के पीछे ना भागे ऐसा इसीलिए क्योंकि ऐसा होने पर आपके जीवन में कई प्रकार की परेशानियां हो जाती हैं।
भोजन में संतोष
खाना जैसा भी मिले उसमें संतुष्ट रहें। खाने का अपमान करना बहुत बड़ा पाप है। शरीर में वही खाना अच्छी तरह से लगता है जिसे खुश होकर खाया जाए।
धन में संतोष
आपकी जितनी आमदनी हो उसी में खुश रहना चाहिए। खर्च अपनी आमदनी से कम करें और उधार लेने से बचें। आपकी जैसी भी आर्थिक स्थिति हो उसमें खुश रहना सीखे।
इन तीन काम में संतोष ना करें
इन सब चीजों के आलावा आचार्य चाणक्य के अनुसार अध्ययन, दान और जप में कभी भी संतोष नहीं करना चाहिए। ये काम आप जितना ज्यादा करेंगे उतना ही आपको पुण्य मिलेगा।